एक अनुमान के अनुसार दिल्ली, गुड़गांव और मुंबई जैसे बड़े शहरों मे एक बच्चे भिखारी की दिन की कमाई लगभग 1000 रुपये हो जाती हैं, जबकि एक औरत जिसकी गोद मे छोटा कमज़ोर बच्चा होता है उसकी दिन की कमाई लगभग 2000 रुपये हो जाती है | इसके मुकाबले एक वयस्क भिखारी की दिन की कमाई केवल 100 से 200 रुपये प्रतिदिन होती है | इसलिए अधिक कमाई के लालच मे ये लोग छोटे बच्चो को या तो चोरी करके लाते हैं या फिर किसी बच्चा चुराने वाले गैंग से 50 हज़ार से 1 लाख रुपये दे के खरीद लेते हैं | इस बच्चे को ढंग से खाना नही खिलाया जाता ताकि वो कमज़ोर लगे और आप जैसे दयावान लोग अधिक से अधिक भीख दें |
आपने ध्यान दिया होगा की ये बच्चे हमेशा सोते रहते हैं, ऐसा इसलिए कि इनको सुबह उठा कर दूध के बदले थोड़ी सी वोड्का दी जाती है या अफ़ीम खिला दी जाती है, जिसकी वज़ह से ज़्यादातर बच्चे जिंदगी भर के लिए या तो अपंग हो जाते हैं या फिर मौत का शिकार हो जाते हैं, पर तब तक ये अपने मूल्य से कहीं ज़्यादा कमाई इन लोगों को करवा जाते हैं |
कृपया रेड लाइट पर भिखारियों को भीख ना दें, अगर आप उनकी मदद करना चाहते हैं तो उनको पैसे देने की बजाय बिस्किट के पॅकेट, पानी की बोतल या फिर घर का बचा हुआ खाना इत्यादि दें, आपका दिया हुआ हर रुपया एक और बच्चे के अपहरण मे आपका योगदान है |
15 अगस्त पर तिरंगा भेजने से देश सेवा नहीं होगी, अगर आप सच मे चाहते हैं कि हमारे देश का भविष्य सड़क पर भीख ना माँगे और स्वावलंबी होकर दुनिया मे नाम रोशन करे तो कृपया इस मेसेज को अपने सभी ग्रुप पर भेज कर एक सच्चा इंसान और सच्चा भारतीय बनें |
Say no to Beggars:
Give life not Money
www.shobhanawelfare.blogspot.in
Professor Vijay Pithadia, PhD, MBA, M. Com., Electronics Technocrat, Director - MBA Program, 5 PhDs Produced , Author of 5 text books, 3 Patents were Registered, Editorial Board Member in 19 Journals